मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा: बरसात के मौसम में पोखरे की खुदाई दिखाकर भुगतान, विदेश में रह रहे युवक को मिली मजदूरी

88 मजदूरों की उपस्थिति दर्शाकर कुछ चुनिंदा फोटो अपलोड, शासनादेश की अनदेखी और प्रशासन की मिलीभगत से करोड़ों की योजनाओं पर सवाल
महराजगंज, मिठौरा।
ग्राम पंचायत बसंतपुर खुर्द में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत पोखरे की खुदाई कार्य में भारी वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। ग्रामवासी घरभरन मौर्य द्वारा जिलाधिकारी को सौंपे गए शिकायती पत्र में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि शासनादेश के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद 15 जून के बाद भी पोखरे की खुदाई कागजों पर जारी है, जबकि इस समय तक क्षेत्र में बरसात शुरू हो जाती है और पोखरों में पानी भर जाता है, जिससे किसी प्रकार की खुदाई कार्य सम्भव ही नहीं होती।
शिकायतकर्ता का कहना है कि लटुरहिया पोखरे की खुदाई कार्य दो माह पूर्व ही बुलडोजर से पूरा करा लिया गया था, लेकिन कागजों पर इसे मजदूरों से कराए गए कार्य के रूप में दिखाया गया है। इस कार्य के लिए 88 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है, मगर जब मास्टर रोल का अवलोकन किया गया तो कुछ ही मजदूरों के फोटो ही अपलोड पाए गए। यानी महज कुछ चुनिंदा लेबर रूम की फोटो लगाकर पूरे कार्य को मस्टररोल में दर्शा दिया गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक मजदूर ब्रह्मानंद गुप्ता, जो पिछले तीन महीनों से सऊदी अरब में रोजगार कर रहे हैं, उनके नाम से भी मनरेगा के तहत मजदूरी की धनराशि उनके खाते में भेजी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पूरी प्रक्रिया में गहरी धांधली की गई है और ग्राम पंचायत, तकनीकी सहायक तथा संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन की हेराफेरी की जा रही है।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि कार्यस्थल पर कोई भी श्रमिक कार्यरत नहीं था और न ही वहां किसी प्रकार का कार्य किया गया। सिर्फ फोटो खींचकर और दस्तावेजों में फर्जी एंट्री करके भुगतान कर दिया गया। शासनादेश के अनुसार 15 जून के बाद पोखर खुदाई का कार्य वर्जित है, क्योंकि इस अवधि में पोखरों में जल भराव शुरू हो जाता है और मिट्टी निकालने का कार्य अव्यवहारिक हो जाता है।
इस संबंध में मिठौरा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) अंकित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच कराई जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही और फर्जीवाड़े से वास्तविक लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता और योजना की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और वसूली की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
—
रिपोर्ट: सूर्य प्रकाश तिवारी
स्थान: महराजगंज