सोशल मीडिया पर भौकाल बनाने में बिगड़ी ज़ुबान पर बवाल : महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने बीजेपी विधायक पर लगाया अमर्यादित भाषा का आरोप
डीएम को पत्रक सौंपकर जांच और कार्रवाई की मांग, नवरात्र में मातृशक्ति के अपमान से नाराज़गी बढ़ी
निचलौल (महराजगंज)।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक पर निचलौल क्षेत्र की महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि विधायक ने एक बैठक के दौरान महिला एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं से अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया और महिलाओं का अपमान किया। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब पूरे देश में नवरात्रि पर्व पर मातृशक्ति की पूजा-अर्चना की जा रही है।
आरोपित घटना से आहत महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने सामूहिक रूप से जिलाधिकारी को एक पत्रक भेजा है। पत्रक में कहा गया है कि विधायक के व्यवहार से सभी कर्मी भयभीत हैं और कार्य करने में असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों ने डीएम से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
पत्रक पर मंजू मौर्य, मंदाकिनी त्रिपाठी, सरिता कुशवाहा, अंजू, कंचन कुशवाहा, पूर्णिमा, गुंजा, नीलम, सुनीता यादव, संध्या, रीता तिवारी, सीमा पटेल, रंजना पटेल, अलका यादव सहित दर्जनों महिलाओं के हस्ताक्षर हैं।
इस पूरे विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। भाजपा के पुर्व विधायक मंत्री शिवेंद्र सिंह जी ने कहां कि नवरात्रि में नारी शक्ति स्वरूपा आदि शक्ति जगदम्बा का पुजा अर्चना सनातन समाज में नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है हम नारी शक्ति का कभी भी अपमान नहीं किए कई बार विधायक और मंत्री रहे लेकिन मेरे पास जो भी आया उसे सम्मान से रउआ शब्द का ही स्तेमाल किया और सम्मान किया । सभी जन प्रतिनिधियों को आम जनमानस का सम्मान करना चाहिए चाहे वह कर्मचारी हो अधिकारी हो या सम्मानित जहां-तहां भिड़ जुटने की बात है तो किसी भी राजनेता के जनता में बनाए गए विश्वास का मामला है कोई अधिकार या कर्मचारी के द्वारा भिड़ जुटवाना अच्छी बात नहीं

तो वहीं भाजपा कार्यकर्ता धर्मनाथ खारवार ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “लापरवाही पर कार्रवाई कराना ठीक है, लेकिन महिलाओं के सम्मान पर आंच भाजपा की रीति-नीति नहीं हो सकती। शक्ति स्वरूपा का अपमान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि विधायक को सार्वजनिक मंच पर मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए था, ताकि जनता और मातृशक्ति का सम्मान बना रहे। वहीं, जिला प्रशासन ने पत्रक प्राप्त होने की पुष्टि की है और मामले की जांच की बात कही है।
यह विवाद अब केवल प्रशासनिक कार्रवाई तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि धार्मिक आस्था और महिलाओं की गरिमा से भी जुड़ गया है, जिससे स्थानीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है।