छात्रा की तीन वर्ष की फीस जमा होने के बावजूद मांगे गए 5 हजार, ग्रामीणों में आक्रोश

महाविद्यालय प्रबंधन पर डिग्री रोककर वसूली का आरोप, अभिभावक ने की कार्रवाई की मांग

 

छात्रा की तीन वर्ष की फीस जमा होने के बावजूद मांगे गए 5 हजार, ग्रामीणों में आक्रोश

 

महराजगंज।
जनपद के कोठीभार थाना क्षेत्र के जहदा ग्राम निवासी एक अभिभावक ने गुरली रमगढवा स्थित परमहंस पाल महाविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी बेटी का भविष्य प्रबंधन द्वारा बंधक बना दिया गया है।

अभिभावक का कहना है कि उनकी बेटी ने वर्ष 2018 में स्नातक (बीए) प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया और वर्ष 2020 तक तीनों वर्ष की संपूर्ण फीस जमा की। कॉलेज से नोड्यूज लेकर अंकपत्र एवं टीसी भी प्राप्त कर लिया गया था। इसके बाद छात्रा ने इसी महाविद्यालय से परास्नातक (एमए) भी पूर्ण किया। लेकिन जब बीते 1 सितम्बर 2025 को डिग्री लेने कॉलेज पहुंची तो प्रबंधन ने अचानक 5,000 रुपये का बकाया बताकर डिग्री देने से इंकार कर दिया।

परिजन का आरोप है कि कॉलेज की स्टाफ सदस्य प्रियंका सिंहानिया ने पहले ही उनसे 500 रुपये ट्रांसफर कराए थे, लेकिन शेष राशि न देने पर डिग्री रोक दी गई। परिजन ने यह भी बताया कि कॉलेज बाबू भूपेंद्र सिंह के खिलाफ पहले से ही धोखाधड़ी से जुड़ी एफआईआर दर्ज है, फिर भी प्रबंधन खुलेआम वसूली कर रहा है।

इस संबंध में जब महाविद्यालय के एन.बी. पाल से उनके मोबाइल नंबर 9415246461 पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि “इस प्रकरण की जानकारी अभी मुझे नहीं है। जब जानकारी होगी तभी कुछ कहा जा सकेगा।”

ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा के नाम पर इस तरह की वसूली छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि प्रबंधन की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अभिभावक का कहना है कि यदि समय रहते कदम न उठाए गए तो उनकी बच्ची का भविष्य पूरी तरह से बर्बाद हो सकता है।

शिक्षा को व्यवसाय बनाकर की जा रही इस मनमानी से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

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