ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी को लेकर विधायक ने APO पर निकाली भड़ास

ग्राम पंचायतों में अनियमितता का आरोप, प्रधानों के काम का भुगतान रोके जाने से नाराजगी
महराजगंज: सिसवा ब्लॉक के ग्राम पंचायतों के कार्यों में अनियमितता और ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी का उपयोग करने पर सिसवा विधायक प्रेमसागर पटेल ने अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (APO) सौरभ चौधरी को फटकार लगाई है। विधायक ने आरोप लगाया कि प्रधानों के कार्यों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी लगाकर अनाधिकृत रूप से भुगतान कराए जा रहे हैं। इस मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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ग्राम प्रधानों ने कलेक्ट्रेट में की शिकायत
शुक्रवार को सिसवा ब्लॉक के कई ग्राम प्रधान अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात सिसवा विधायक प्रेमसागर पटेल से हुई, जिन्हें प्रधानों ने ब्लॉक में चल रही अनियमितताओं की जानकारी दी। प्रधानों ने बताया कि ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि, जो क्षेत्र पंचायत के कार्यों में शामिल रहते हैं, अब ग्राम पंचायतों में भी काम करवा रहे हैं और अपनी आईडी का उपयोग करके भुगतान हासिल कर रहे हैं।
प्रधानों का आरोप था कि उनके द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान नहीं हो रहा है, जबकि प्रमुख प्रतिनिधि के माध्यम से कराए गए कार्यों के लिए तुरंत भुगतान किया जा रहा है। एक प्रधान ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “हमें सिर्फ एक कार्य के लिए कहा गया था, लेकिन दबाव बनाकर कई काम करवाए गए। फिर भी हमारे कार्यों का भुगतान रोक दिया गया है।”
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विधायक का हस्तक्षेप: एपीओ से हुई तीखी बातचीत
ग्राम प्रधानों की शिकायत सुनने के बाद विधायक प्रेमसागर पटेल ने तुरंत सिसवा ब्लॉक के एपीओ सौरभ चौधरी से फोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान विधायक ने सीधे सवाल किया, “तुमने प्रमुख प्रतिनिधि की कितनी आईडी लगाई है?” एपीओ ने हिचकिचाते हुए जवाब दिया कि केवल एक आईडी का उपयोग हुआ है। इस पर विधायक ने सख्त लहजे में पूछा, “आईडी लगाने की जरूरत ही क्यों पड़ी? यदि प्रधानों का भुगतान रोका जा रहा है और प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी से काम कराए जा रहे हैं, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो तुम्हारी बर्खास्तगी करवा दूंगा।”
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एपीओ का पक्ष: समय-समय पर उठता है विवाद
इस पूरे मामले पर जब पर्दा फाश न्यूज 24×7न्यूज ने एपीओ सौरभ चौधरी से बातचीत की, तो उन्होंने कहा, “यह मामला तब ही उठता है जब भुगतान का समय आता है। अगर प्रमुख प्रतिनिधि वाकई ग्राम पंचायतों में काम करवा रहे हैं, तो प्रधानों को सीधे ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) से शिकायत करनी चाहिए।” एपीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी प्रकार की अनियमितता के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन आरोपों की पूरी जांच आवश्यक है।
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प्रधानों के भुगतान पर गहराया संकट
ग्राम प्रधानों का कहना है कि कई बार अनुरोध के बावजूद उनके कार्यों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सिसवा ब्लॉक के 60 से अधिक गांवों में विकास कार्य कराए गए हैं, लेकिन प्रमुख प्रतिनिधि की दबंगई के चलते केवल उन्हीं के कार्यों का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ कार्य केवल कागजों पर दिखाए गए हैं और फर्जी भुगतान भी हो रहे हैं।
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विधायक ने जताई नाराजगी, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
विधायक प्रेमसागर पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि प्रधानों के कार्यों का भुगतान नहीं हुआ और प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी से फर्जीवाड़ा जारी रहा, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि सरकारी प्रक्रिया का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जाए। प्रधानों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।”
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भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मांग
इस पूरे प्रकरण ने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया है। प्रधानों और विधायक की मांग है कि ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी से किए जा रहे भुगतान की निष्पक्ष जांच हो और प्रधानों के कार्यों का बकाया तुरंत जारी किया जाए। यह मामला प्रशासनिक पारदर्शिता और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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आगे की कार्रवाई पर नजर
सिसवा ब्लॉक में चल रही अनियमितताओं के इस मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और प्रधानों के हितों की रक्षा कैसे होती है। प्रधानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
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निष्कर्ष
सिसवा ब्लॉक में ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि की आईडी का उपयोग और प्रधानों के भुगतान में देरी ने प्रशासनिक तंत्र में गंभीर खामियों को उजागर किया है। विधायक प्रेमसागर पटेल का हस्तक्षेप और एपीओ से सख्त सवालों के बाद अब प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस मामले की जांच कर समाधान निकाले। प्रधानों का कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित होने तक शांत नहीं बैठेंगे।