महराजगंज के मिठौरा ब्लॉक में मनरेगा घोटाला: चकबन्ध कार्यों में फर्जी उपस्थिति और फोटो से करोड़ों की हेराफेरी

महराजगंज के मिठौरा ब्लॉक में मनरेगा घोटाला: चकबन्ध कार्यों में फर्जी उपस्थिति और फोटो से करोड़ों की हेराफेरी

NMMS ऐप पर फर्जी उपस्थिति, एक ही फोटो से दर्जनों मजदूरों की हाज़िरी; GPS डेटा और दूसरी तस्वीरें नदारद, जांच की मांग तेज़


महराजगंज (उत्तर प्रदेश), 27 मई 2025:
जनपद महराजगंज के मिठौरा विकास खंड की ग्राम पंचायत मुजहाना बुजुर्ग में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत हो रहे कार्यों में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। 27 मई 2025 को ग्राम पंचायत स्तर पर दर्ज की गई NMMS (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) ऐप की रिपोर्ट के अनुसार, दो अलग-अलग कार्यों में एक ही स्थान की फोटो और सीमित मजदूरों की उपस्थिति से कई गुना अधिक कार्य दिवस (पर्सन डेज़) दर्शाए गए हैं।

पहला कार्य रामबहादुर के घर से पूरब ड्रेन तक चकबन्ध पर मिट्टी कार्य के रूप में दर्ज है। इस कार्य के लिए NMMS ऐप पर सुबह 07:48:06 पर फोटो अपलोड की गई, जिसमें GPS लोकेशन 27.178557, 83.6745286 है। वहीं दूसरा कार्य सुधीर पटेल के खेत से पूरब ड्रेन तक चकबन्ध पर मिट्टी कार्य के नाम पर दर्ज किया गया है, जिसकी फोटो समय 07:54:05 है और GPS लोकेशन 27.1777, 83.6742767 दर्ज की गई है। इन दोनों कार्यों की तस्वीरें एक ही स्थान से ली गई प्रतीत होती हैं, और दोनों में दूसरी फोटो अपलोड नहीं की गई है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इन दोनों कार्यों में कुल 17 मजदूरों के नाम उपस्थिति सूची में दर्ज हैं, लेकिन एक ही फोटो का उपयोग करके करीब 14 मास्टर रोल में कुल 138 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज कर दी गई है। इससे स्पष्ट है कि एक ही फोटो को बार-बार प्रयोग कर फर्जी अटेंडेंस तैयार किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, यह स्थिति सिर्फ मुजहाना बुजुर्ग तक सीमित नहीं है। मिठौरा ब्लॉक की लगभग सभी ग्राम सभाओं में यही पैटर्न देखने को मिल रहा है। पूर्व में हुए कार्यों को बार-बार दिखाकर, पुराने फोटो और बिना GPS लोकेशन के तस्वीरों के जरिए फर्जी रिपोर्टिंग की जा रही है। इन कार्यों के तहत मजदूरों की मजदूरी भी महीनों तक लंबित है। कई मजदूरों को 4-5 महीने से भुगतान नहीं मिला है, जबकि रिकॉर्ड में कार्य पूर्ण दिखाया गया है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस घोटाले में रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक (एपीओ), खंड विकास अधिकारी (वीडीओ) समेत पूरा निगरानी तंत्र शामिल है। सब मोटे कमीशन के लालच में मनरेगा की करोड़ों की धनराशि का दुरुपयोग कर रहे हैं।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है ताकि मनरेगा जैसी गरीबों की सहारा योजना में भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके।

रिपोर्ट: मनोज कुमार तिवारी , महाराजगंज