हत्या या आत्महत्या? महिला की गुहार पर कोर्ट ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश

हत्या या आत्महत्या? महिला की गुहार पर कोर्ट ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश


पति की रहस्यमयी मौत के मामले में ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप, पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में

महराजगंज।
स्थानीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महराजगंज ने एक महिला की अर्जी पर सुनवाई करते हुए थाना निचलौल को निर्देश दिया है कि वह पति की संदिग्ध मौत के मामले में मुकदमा दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना करें। यह आदेश प्रकीर्ण वाद संख्या 579/2025 में दिया गया, जिसमें आवेदिका सुनीता देवी ने अपने पति विक्की चौधरी की हत्या का आरोप ससुराल पक्ष पर लगाया है।

घटना 7 अगस्त 2024 की है, जब शाम लगभग छह बजे सुनीता देवी के पति विक्की की लाश घर के टीन शेड मकान में फांसी से लटकी मिली। सुनीता खेत में काम कर रही थीं, जब उन्हें यह सूचना मिली। घर पहुंचते ही उन्होंने अपने पति को मृत अवस्था में पाया और शोर मचाया, जिस पर आस-पास के लोग एकत्र हो गए।

आवेदिका का आरोप है कि जमीन के विवाद को लेकर सास द्रोपदी, ससुर घनश्याम, देवर दुर्गेश और देवरानी विद्यावती ने मिलकर विक्की की हत्या की और बाद में उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। घटना के बाद पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की और सादे कागज पर दस्तखत लेकर पीड़िता को गुमराह किया।

सुनीता देवी ने पहले भी 5 मार्च 2025 को कोर्ट में अर्जी दी थी, लेकिन बीमारी के चलते पेश न हो पाने से वह खारिज हो गई थी। अब दोबारा प्रस्तुत अर्जी और शपथपत्र के साथ उन्होंने अपनी बात मजबूती से रखी। दस्तावेजों में पुलिस अधीक्षक को भेजा गया प्रार्थना पत्र, आधार कार्ड की प्रति और रजिस्ट्री की रसीद भी संलग्न की गई।

कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा कि आरोप संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है और जांच के बिना सच्चाई सामने नहीं आ सकती। इसलिए प्रार्थना पत्र धारा 173(4) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत स्वीकार कर थाना प्रभारी निचलौल को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए गए।

इस निर्णय से पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी है, जबकि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।