चरगहा से बुढ़वा पुल तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में, अंतिम यात्रा भी हो रही बाधित”

चरगहा से बुढ़वा पुल तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में, अंतिम यात्रा भी हो रही बाधित”

विधायक प्रेमसागर पटेल द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को विभाग ने नजरअंदाज किया, कीचड़ में फंस रही शव वाहन, परिजनों की पीड़ा बनी शासन के लिए सवाल


महराजगंज।जिले के
विधानसभा सिसवा 317क्षेत्र के विधायक प्रेमसागर पटेल द्वारा चुनाव के दौरान लोक निर्माण विभाग (PWD) को भेजे गए कई सड़क निर्माण प्रस्ताव आज तक धरातल पर नहीं उतर सके हैं। इनमें एक अहम सड़क चरगहा मेन रोड से बुढ़वा पुल तक की है, जिसकी लंबाई लगभग 2 किलोमीटर है। इस सड़क का महत्व केवल आवागमन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मार्ग सैकड़ों ग्रामीणों की अंतिम यात्रा का रास्ता है।

यह मार्ग गांव चरगहा, कटहरी, पकड़ी, कमता, संडा, लोढ़िया, नछोरी, श्रीनगर, घोरनर, विशोखोर, मदरहा, पैकली, दुर्गवली सहित बांगर बेल्ट के हजारों लोगों को भईसहा घाट तक अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाने का एकमात्र विकल्प है। परन्तु आज भी यह सड़क कीचड़ और गड्ढों से जर्जर है, जिस पर शव वाहन तक ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

इस हाल में है यह सड़क 

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शव ले जाने वाली गाड़ियां कीचड़ में फंस जाती हैं, जिससे मृतक के परिजनों और शुभचिंतकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दुख की घड़ी में यदि शव वाहन कीचड़ में धंस जाए तो उस मानसिक स्थिति को शब्दों में व्यक्त करना असंभव है।

ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान विधायक प्रेमसागर पटेल ने इस सड़क को प्राथमिकता पर बनवाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने बाकायदा प्रस्ताव बनाकर लोक निर्माण विभाग को भेजा था, लेकिन विभाग ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है और वे यह मानने लगे हैं कि यह सिर्फ एक चुनावी जुमला था।

अब सवाल यह है कि क्या विभाग की अनदेखी माननीय विधायक की राजनीतिक साख पर प्रश्नचिन्ह नहीं खड़ा करती? या फिर यह विभागीय अधिकारियों की ढिलाई है जो डबल इंजन सरकार की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचा रही है?

चरगहा से बुढ़वा पुल तक की सड़क न केवल अंतिम यात्रा का मार्ग है, बल्कि यह दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला मुख्य संपर्क मार्ग भी है। इसकी अनदेखी न केवल सामाजिक, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े करती है।

ग्रामीणों की मांग है कि शासन-प्रशासन तत्काल संज्ञान लेकर इस सड़क का निर्माण शुरू कराए और संबंधित अधिकारियों से जवाबदेही तय की जाए। अन्यथा, आगामी समय में ग्रामीण विरोध प्रदर्शन और व्यापक आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं।

सरकार को चाहिए कि वह जनता से किए वादों को निभाए और दुख की घड़ी में लोगों को कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने के लिए मजबूर न करे।

रिपोर्टर – सुर्य प्रकाश तिवारी,, महाराजगंज