मेदनीपुर में निलंबित कोटेदार की जांच पर उठे सवाल, जांच टीम पर पक्षपात के आरोप

मेदनीपुर में निलंबित कोटेदार की जांच पर उठे सवाल, जांच टीम पर पक्षपात के आरोप

ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने लगाए 500 रुपये में बयान दिलवाने के आरोप, 100 कुंतल खाद्यान्न का हिसाब नहीं मिला

महराजगंज। जिले के चर्चित मेदनीपुर ग्राम सभा के निलंबित कोटेदार की जांच को लेकर आज (29 जुलाई 2025) प्रशासनिक टीम की कार्रवाई विवादों में घिर गई। जिला अधिकारी के निर्देश पर पहुंचे अपर उपजिलाधिकारी और जिला विपणन अधिकारी जांच करने तो आए, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि जांच की दिशा मूल बिंदुओं से भटक गई।

ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोटेदार ने जांच के दौरान लोगों से ₹500 देकर शपथ पत्र आधारित बयान दिलवाए। जांच टीम मंदिर और पंचायत भवन में बैठकर बयान दर्ज कराती रही, जबकि मुख्य आरोप—खाद्यान्न की कालाबाजारी और स्टॉक रजिस्टर में गड़बड़ी—पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान 100 कुंतल से अधिक खाद्यान्न वितरण के बाद स्टॉक रजिस्टर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इसके बावजूद जांच अधिकारियों ने अधिकांश समय कथित प्रायोजित लोगों से बयान लेने में व्यतीत किया। ग्रामीणों ने मांग की है कि कोटेदार के पक्ष में दिए गए शपथ पत्रों की फोरेंसिक जांच कराई जाए, ताकि असली सच्चाई सामने आ सके।

गौरतलब है कि मेदनीपुर का यही कोटेदार पहले भी दो बार निलंबित हो चुका है, लेकिन हर बार प्रभाव और जोड़-तोड़ से बहाल होता रहा है। अब तीसरी बार हुए निलंबन के बाद भी बचाव की कोशिशें तेज होती दिख रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस बार भी कोटेदार को बचा लिया गया तो यह पूरे सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर सवाल खड़ा कर देगा।

अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाता है या फिर पुराने पैटर्न को दोहराते हुए भ्रष्ट कोटेदार को फिर से बहाल कर देता है। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत करेंगे।