महराजगंज में भाजपा विधायकों की आपसी रार: पुलिस की एंट्री, समर्थकों और बाउंसरों पर केस दर्ज




सिसवा विधायक प्रेम सागर पटेल के खिलाफ साजिश के आरोप, सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप, चार नामजद आरोपी फरार ,
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महराजगंज। जिले में सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायकों के बीच गहराता विवाद अब पुलिस की एंट्री से और गंभीर हो गया है। जिला पंचायत बोर्ड की मीटिंग के दौरान उभरे इस विवाद ने जिले के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। घटना के बाद से पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए चार नामजद और कुछ अज्ञात व्यक्तियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं।
यह विवाद 28 सितंबर 2024 को जिला पंचायत की आहूत बैठक के दौरान शुरू हुआ था। बताया जा रहा है कि सत्ता पक्ष के एक बड़े नेता, जिन्हें कटवार नेता कहा जा रहा है, और उनके समर्थकों ने सिसवा विधायक प्रेम सागर पटेल के खिलाफ साजिश रची थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए वे जिला पंचायत के मीटिंग हॉल तक पहुंच गए थे। घटना के दौरान माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि बीच बचाव के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
विधायक जय मंगल कनौजिया पर आरोप
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में विधायक जय मंगल कनौजिया ने सिसवा विधायक प्रेम सागर पटेल को निशाना बनाया था। कहा जा रहा है कि कनौजिया के इशारे पर ही उनके समर्थक, जिनमें कुछ बाउंसर भी शामिल थे, मीटिंग हॉल तक पहुंच गए थे। इसके बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि वहां मौजूद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और बीच बचाव करते हुए मामले को शांत किया।
इस विवाद ने तब और तूल पकड़ा जब घटना के एक दिन बाद, 29 सितंबर को, एक भाजपा विधायक के समर्थक ने सोशल मीडिया पर दूसरे विधायक के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट कर दी। इससे मामला और गरमा गया और पीड़ित विधायक ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
फिर पुलिस की कार्रवाई
नाराज विधायक की शिकायत के बाद पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई। कोतवाली पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए टिप्पणी करने वाले युवक को हिरासत में ले लिया। हालांकि, युवक ने पोस्ट को डिलीट कर दिया, जिसके बाद देर रात उसे रिहा कर दिया गया। लेकिन इस मामले ने जिले में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के बीच बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया।
इसके बाद, विवाद का दूसरा बड़ा मोड़ तब आया जब सिसवा विधायक प्रेम सागर पटेल लखनऊ पहुंचे और वहां के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने एक फोटो दिखाया, जिसमें उनके विपक्षी विधायक के सहायक अपने दोस्तों और कुछ बाउंसरों के साथ खड़े नजर आ रहे थे। प्रेम सागर पटेल ने आरोप लगाया कि यह फोटो उनके खिलाफ रची गई साजिश का सबूत है, जिसमें बाउंसरों के जरिए उनकी पिटाई की योजना बनाई गई थी।
लखनऊ के बड़े नेताओं के सामने प्रस्तुत किए गए इस फोटो के बाद महराजगंज पुलिस पर दबाव बढ़ा और पुलिस ने तुरंत चार नामजद और कुछ अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर लिया। इस मुकदमे में राज जायसवाल, अनिल कुमार, सोनू सिंह और शमीम खान के नाम शामिल हैं।
पुलिस की जांच और फरार आरोपी
कोतवाली पुलिस अब इन आरोपियों की तलाश में जुट गई है, लेकिन घटना के बाद से सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस की जांच तेजी से चल रही है, और अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस बीच, पुलिस ने इस मामले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, और मामले को लेकर पुलिस की तरफ से चुप्पी साधी हुई है।
हालांकि, यह घटना सत्तारूढ़ दल के नेताओं के बीच तनाव को बढ़ाती दिख रही है। विवाद के केंद्र में होने के बावजूद, कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी का नहीं, बल्कि राजनीतिक दबदबा बनाने की कोशिश का परिणाम है।
राजनीतिक हलचल और भविष्य की संभावनाएँ
महराजगंज की इस घटना ने जिले की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल मचा दिया है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं के बीच आपसी रार और तनाव अब खुलकर सामने आ गया है, और इस विवाद ने भाजपा के भीतर गुटबाजी को उजागर कर दिया है।
विवाद में पुलिस की सक्रियता और लखनऊ से आए दबाव के बाद कार्रवाई की तेजी ने इसे और महत्वपूर्ण बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आगे और पेचीदा हो सकता है, खासकर तब जब पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी करती है।
इस घटना के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं के बीच विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, और आने वाले चुनावों में इस विवाद का असर देखने को मिल सकता है।
समाप्ति और नतीजा
महराजगंज में भाजपा विधायकों के बीच का यह विवाद, जो एक मीटिंग से शुरू हुआ था, अब पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में है। पुलिस की तेजी से कार्रवाई ने इस मामले को और महत्वपूर्ण बना दिया है, लेकिन आरोपियों की फरारी और राजनीतिक तनाव ने मामले को और उलझा दिया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस जांच के नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या नतीजा निकलता है और सत्तारूढ़ दल के भीतर इस घटना का राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।
जिले की राजनीति में इस घटना ने नई हलचल पैदा कर दी है, और अब सभी की नजरें पुलिस जांच और भाजपा के शीर्ष नेताओं के अगले कदम पर टिकी हैं।