परसा गिदही में मनरेगा फर्जीवाड़ा उजागर: बिना मजदूर 6 स्थानों पर काम, रोज़ाना ₹39,816 की सरकारी धन की हेराफेरी

महराजगंज जनपद के सिसवा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत परसा गिदा़ही में मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। एनएमएमएस (NMMS) ऐप के माध्यम से दर्ज दैनिक उपस्थिति और ग्रुप फोटो के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि काम के नाम पर मजदूरों की वास्तविक मौजूदगी के बिना ही हाजिरी लगाई जा रही है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

कार्य कोड 3152005062/RC/958486255823707356 (मस्टर रोल संख्या 6601) के अंतर्गत “ग्राम पंचायत परसा गिड़ाही में गुलाब गौयों के खेल से पूरब ड्रेन तक चकमार्ग पर गिट्टी कार्य” दिखाया गया। 12 दिसंबर 2025 को सुबह 9:39 बजे और शाम 5:51 बजे अपलोड की गई ग्रुप फोटो में जियो-कोऑर्डिनेट्स दर्ज हैं, परंतु ग्राउंड पर अपेक्षित संख्या में मजदूरों की मौजूदगी संदिग्ध पाई गई।

रिकॉर्ड के अनुसार 17 मस्टर रोलों के माध्यम से कुल 158 मजदूरों की उपस्थिति दर्शाई जा रही है। कई मस्टर रोलों में 10-10 पर्सनडे जनरेट दिखाए गए हैं, जबकि मौके पर वास्तविक कार्य और मजदूरों की संख्या का मेल नहीं बैठता। चौंकाने वाली बात यह है कि 6 स्थानों पर बिना मजदूरों के ही कार्य दिखाया गया, जिससे रोज़ाना लगभग ₹39,816 की सरकारी राशि का गमन होने का अनुमान है।

स्थानीय जिम्मेदारों से जब इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो ग्राम प्रधान ने टालमटोल रवैया अपनाते हुए कहा कि “आप मौके पर आकर देखिए, हम कोई जानकारी नहीं देंगे।” वहीं रोजगार सेवक, एपीओ सिसवा और डीसी मनरेगा/वीडियो सिसवा की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि ये अधिकारी संरक्षण प्रदान कर रहे हैं, जिससे फर्जी हाजिरी और भुगतान निर्बाध रूप से जारी है।

यह मामला मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। मांग की जा रही है कि जिला प्रशासन तत्काल स्थलीय जांच, एनएमएमएस डेटा का फॉरेंसिक ऑडिट, संबंधित मस्टर रोलों का भुगतान रोके, और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करे। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भ्रष्टाचार गरीब मजदूरों के हक पर डाका डालता रहेगा।

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