नगर पंचायत घुघली में डस्टबिन खरीद घोटाला: शिकायतकर्ता की सख्ती से हिला प्रशासन, सतर्कता जांच शुरू
अजीत कुमार सिंह की शिकायत पर जिलाधिकारी ने जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए, अब आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन कर रहा है गहन जांच
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महराजगंज, उत्तर प्रदेश। नगर पंचायत घुघली में डस्टबिन की खरीद प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर शुरू हुआ विवाद अब शासन के उच्च स्तर तक पहुँच गया है। ग्राम सभा मेदनीपुर के निवासी अजीत कुमार सिंह द्वारा की गई शिकायत ने पूरे मामले को उजागर किया है। शिकायत के अनुसार, डस्टबिन की खरीद में भारी भ्रष्टाचार हुआ और सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए नियमों को ताक पर रखकर टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई।
इस प्रकरण को लेकर श्री अजीत कुमार सिंह ने जिलाधिकारी महाराजगंज को एक विस्तृत लिखित प्रार्थना पत्र सौंपा था, जिसमें नगर पंचायत घुघली के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी डॉ. लव कुमार मिश्रा तथा तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।
शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी महाराजगंज ने 24 सितंबर 2023 को पत्रांक संख्या 6133/ओ.एस.डी.-2023-24 द्वारा अपर जिलाधिकारी (वि/रा) को जांच कराने के निर्देश दिए। साथ ही वरिष्ठ कोषाधिकारी महराजगंज की जांच आख्या को मूलरूप में संलग्न करते हुए कहा गया कि पाई गई अनियमितताओं के आधार पर सभी संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सुसंगत कार्रवाई के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए।
इस निर्देश के क्रम में वरिष्ठ कोषाधिकारी महराजगंज ने 21 सितंबर 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी, जिसमें डस्टबिन की खरीद में प्रक्रियागत त्रुटियाँ पाई गईं। रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, परन्तु शिकायतकर्ता का आरोप है कि जानबूझकर कुछ दोषियों को बचाया गया और रिपोर्ट को एक पक्षीय रूप में प्रस्तुत किया गया।
इससे आहत होकर अजीत कुमार सिंह ने यह मामला शासन के उच्चाधिकारियों तक पहुँचाया। उन्होंने प्रमुख सचिव, नगर विकास अनुभाग-1, लखनऊ को पुनः पत्राचार कर जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की।
16 दिसंबर 2023 को प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्रांक 996/एल.बी.ए./2023-24 में जिलाधिकारी ने जांच आख्या संलग्न कर तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत घुघली और तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की।
परंतु अजीत कुमार सिंह का आरोप है कि इस रिपोर्ट में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी पंकज कुमार वर्मा की भूमिका को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और उन्हें बचाने का प्रयास किया गया।
मामले में आई तेजी: सतर्कता और आर्थिक अपराध शाखा की एंट्री
लगातार शिकायतों और शासन से संवाद के बाद, यह मामला अब सतर्कता विभाग और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) तक पहुंच चुका है। शिकायतकर्ता द्वारा पुनः जांच की मांग करने पर शासन ने गंभीरता दिखाते हुए आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की टीम को जांच का जिम्मा सौंपा।
हाल ही में ईओडब्ल्यू के इंस्पेक्टर ने महाराजगंज पहुंचकर शिकायतकर्ता अजीत कुमार सिंह का बयान दर्ज किया। इस दौरान उन्होंने पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी। टीम ने पूर्व नगर अध्यक्ष से भी पूछताछ की और कई दस्तावेजों को जब्त किया।
क्या है मामला:
नगर पंचायत घुघली में वर्ष 2022-23 के दौरान बड़ी संख्या में डस्टबिन की खरीद की गई थी। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई, और बाजार मूल्य से अधिक दामों पर सामान खरीदा गया। यही नहीं, कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए प्रक्रिया में मनमानी की गई और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को छिपाया गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया एक योजनाबद्ध तरीके से की गई थी, जिसमें कुछ प्रभावशाली अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
जांच के दौरान सामने आए तथ्यों ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासनिक स्तर पर भी इस मामले में ढिलाई बरती गई। वरिष्ठ कोषाधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में जहां कुछ तथ्यों को उजागर किया गया, वहीं कई मुख्य दोषियों को बचा लिया गया।
अजीत कुमार सिंह ने शासन से मांग की है कि इस मामले की जांच हाई-लेवल टीम से करवाई जाए और दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें सजा दी जाए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
नगर पंचायत घुघली के स्थानीय नागरिकों में इस भ्रष्टाचार को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि नगर निकायों में इस तरह के घोटाले आम हो गए हैं और जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अब आगे क्या?
सतर्कता जांच और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जल्द ही और बड़े खुलासे होंगे। यदि जांच निष्पक्ष रही, तो कई और अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसके घेरे में आ सकते हैं।
शिकायतकर्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि वे न्याय की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे, जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ डस्टबिन घोटाले की नहीं, बल्कि पूरे तंत्र में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ है।