भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव, राजस्व परिषद ने मांगी निष्पक्ष जांच रिपोर्ट

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव, राजस्व परिषद ने मांगी निष्पक्ष जांच रिपोर्ट

सतीश गुप्ता बनाम रामलाल मामले में भ्रष्टाचार और विधिक व्यवस्था के उल्लंघन की शिकायत पर शासन ने दिया जांच का आदेश, अपर जिलाधिकारी स्तर से होगी प्रारंभिक जांच

लखनऊ/महराजगंज।
जनपद महाराजगंज की सदर तहसील में कार्यरत नायब तहसीलदार विवेक कुमार श्रीवास्तव एक बार फिर विवादों में हैं। उन पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने वाद संख्या 11555/2022 (सतीश कुमार गुप्ता बनाम रामलाल) में पारित आदेश दिनांक 10 जनवरी 2025 में भ्रष्टाचार किया है और विधिक व्यवस्था की अवहेलना करते हुए गलत आदेश पारित किया।

इस संबंध में शिकायतकर्ता विरेन्द्र गुप्ता निवासी बड़हरा चरगहा, तहसील निचलौल ने राजस्व परिषद को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिनांक 26 मार्च 2025 को प्रेषित किया था। उक्त शिकायत की गंभीरता को देखते हुए राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराने का आदेश दिया है।

7 जुलाई 2025 को जारी आदेश संख्या 228(2)/3-त.ना.त.-116डी/2017 के तहत अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त अरविन्द सिंह ने जिलाधिकारी, महाराजगंज को निर्देशित किया है कि वह इस शिकायत की जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी से कराएं। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि जांच शासनादेश संख्या-13/1-97-का०-1/1997 दिनांक 01 अगस्त 1997 एवं शासनादेश संख्या-1/2024/63/सैंतालीस-का-1-2024-13(1)/1997 दिनांक 29 जनवरी 2024 के अनुसार की जाए।

राजस्व परिषद ने यह भी निर्देशित किया है कि यदि जांच में नायब तहसीलदार के विरुद्ध कोई प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में आता है तो उनकी संस्तुति सहित आख्या एक पक्ष में भेजी जाए, ताकि आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।

शिकायतकर्ता विरेन्द्र गुप्ता ने इस आदेश पर संतोष जताते हुए कहा कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई अधिकारी कानून और न्याय की धज्जियां न उड़ा सके।

इस प्रकरण ने तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है और अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।