फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर जांच की आंच, 50 लाख की वसूली और उच्च अधिकारियों से मिलीभगत का आरोप

फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर जांच की आंच, 50 लाख की वसूली और उच्च अधिकारियों से मिलीभगत का आरोप

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पं. जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज, बरगाहपुर में कार्यरत फर्जी सहायक अध्यापक बीएड की फर्जी मार्कशीट पर कर रहे थे सेवा, शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप, एसटीएफ पर भी गंभीर आरोप

महराजगंज, फरेन्दा।
जिले के पंडित जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज, बरगाहपुर, लेहड़ा (जूनियर हाईस्कूल अनुदानित) में कार्यरत सहायक अध्यापकों की बीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने की शिकायत ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। प्रकरण में जिलाधिकारी व जिला स्तरीय सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायतकर्ता जावेद अहमद खान ने गंभीर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सहायक अध्यापक संजय श्रीवास्तव और दिनेश चंद्र मिश्रा ने अपनी नियुक्ति के समय बीएड की जो मार्कशीट प्रस्तुत की, वह संदिग्ध पाई गई। शिकायतकर्ता ने मदन मोहन मालवीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भाटपार रानी, देवरिया से बीएड की अंकतालिकाओं की जांच करवाई।

श्री संजय श्रीवास्तव की मार्कशीट में वर्ष 1995 में रोल नंबर 6950 दर्शाया गया है, जबकि कॉलेज से प्राप्त सूचना के अनुसार उस वर्ष उक्त रोल नंबर पर संजय श्रीवास्तव का नाम नहीं बल्कि किसी अन्य छात्र का नाम दर्ज है। इसी प्रकार, दिनेश चंद्र मिश्रा द्वारा प्रस्तुत 1989 की बीएड मार्कशीट में रोल नंबर 2038 दर्शाया गया है, जबकि उस रोल नंबर पर भी किसी अन्य अभ्यर्थी का नाम दर्ज है।

इन तथ्यों की पुष्टि महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. देवेंद्र प्रताप मिश्रा द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दिए गए उत्तर में की गई है।

इस गंभीर प्रकरण पर आईजीआरएस (जन शिकायत निवारण प्रणाली) में भी शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी फरेंदा व मिठौरा को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच की प्रक्रिया विद्यालय के ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते लंबित है, लेकिन बीएसए कार्यालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जांच अभी जारी है और कुछ समय में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

हालांकि इस पूरे मामले में एक नया मोड़ तब आया जब शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जिले के ही एक प्रभावशाली बाबू, जो कथित रूप से निदेशक बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह बघेल का रिश्तेदार बताया जा रहा है, फर्जी शिक्षकों को संरक्षण प्रदान कर रहा है। शिकायत में यह भी आरोप है कि उक्त बाबू ने अब तक 50 लाख रुपये से अधिक की अवैध वसूली इन शिक्षकों से की है और तत्कालीन बीएसए समेत लखनऊ तक के उच्च अधिकारियों को प्रभावित कर मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है।

जबकि उक्त फर्जी शिक्षकों को किसी भी सक्षम न्यायालय से कोई स्थगन आदेश नहीं है जिले के चर्चित एक बाबू फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए उक्त विद्यालयों से 50 लाख से अधिक अवैध वसूली करके जांच कर रही एसटीएफ और तत्कालीन बीएसए को प्रदेश के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को मैनेज करता है उक्त बाबू निदेशक शिक्षा प्रताप सिंह बघेल का कथित रिश्तेदार है जिसके बिनाह पर जनपद महाराजगंज में फर्जी टीचरों का संरक्षक बना हुआ है

शिकायतकर्ता का कहना है कि इन शिक्षकों के खिलाफ अब तक कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हुई है और न ही किसी अदालत से इन्हें राहत मिली है। यह भी दावा किया गया है कि जानबूझकर जांच को लंबित रखा जा रहा है ताकि आरोपियों को बचाया जा सके।

इस मामले में आम जनता व शिक्षा जगत से जुड़े लोग भी जांच की धीमी रफ्तार और संभावित राजनीतिक संरक्षण को लेकर चिंतित हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितना पारदर्शी और निष्पक्ष रवैया अपनाता है।

जनहित में की गई इस शिकायत पर एसटीएफ की जांच पर भी सवाल उठ रही है, और प्रदेश भर में फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक बनने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की मांग उठ रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बहाल हो सके।

(रिपोर्ट – मनोज कुमार तिवारी,महराजगंज)