प्रदेश के शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थियों का जन्म पंजीकरण अनिवार्य
उत्तर प्रदेश शासन ने सभी स्कूलों में विद्यार्थियों के जन्म प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड पंजीकरण की प्रक्रिया अनिवार्य की

लखनऊ, 23 सितम्बर 2024 – उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश के सभी शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए जन्म पंजीकरण और आधार कार्ड पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला शिक्षा निदेशक (बेसिक) के निर्देशों के तहत लिया गया है। इस संबंध में प्रदेश के समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
आदेश का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक पत्र में कहा गया है कि राज्य में सभी छात्रों का जन्म प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह आदेश 4 अगस्त 2024 को जारी किया गया था, जिसका पालन अब प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा सख्ती से सुनिश्चित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक विद्यार्थी के पास वैध पहचान प्रमाण हों और उनकी शैक्षणिक रिकॉर्डिंग में कोई त्रुटि न हो।
प्रक्रिया का पालन
शिक्षा निदेशक (बेसिक), प्रताप सिंह बघेल द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाचार्य और प्रभारी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी कि वे सत्र के प्रारंभ में विद्यार्थियों का जन्म प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड पंजीकरण कराएं। इन विवरणों को संबंधित पोर्टल या पंजिका में दर्ज किया जाएगा, जिससे राज्य स्तरीय रिकॉर्ड बनाए जा सकें और शासन की योजनाओं का लाभ छात्रों तक सही ढंग से पहुँच सके।
जन्म प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड पंजीकरण से शिक्षा विभाग को छात्रों की सही संख्या और उनकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने का प्रयास है, बल्कि छात्रों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश
इस आदेश के अनुपालन हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों के सभी शिक्षा संस्थानों में इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करवाएं। इसके तहत विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रभारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक विद्यार्थी का जन्म प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड संख्या संबंधित पोर्टल पर समय पर अपलोड की जाए।
शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि यह प्रक्रिया सत्र के आरंभ में ही पूरी की जानी चाहिए, जिससे किसी भी तरह की देरी या दिक्कत से बचा जा सके। इसके अलावा, सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस प्रक्रिया के संबंध में छात्रों और उनके अभिभावकों को उचित जानकारी दें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की समय पर जमा कराने के लिए प्रेरित करें।
शिक्षा विभाग की पहल
राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के छात्रों को समान रूप से सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना भी है। आधार कार्ड और जन्म प्रमाण-पत्र से छात्रों की पहचान के साथ-साथ उनकी शैक्षणिक स्थिति का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसके माध्यम से भविष्य में राज्य सरकार को किसी भी योजना या छात्रवृत्ति प्रदान करने में आसानी होगी।
इस निर्देश का पालन न करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही, राज्य सरकार द्वारा इसकी नियमित निगरानी की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी शिक्षा संस्थानों ने इस निर्देश का पालन किया है।
आगे की राह
इस प्रक्रिया से न केवल विद्यार्थियों की सही जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि इसका उपयोग विभिन्न योजनाओं और सेवाओं में भी किया जा सकेगा। राज्य के शिक्षा विभाग की यह पहल एक व्यापक और दूरदर्शी कदम है, जो न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाएगा, बल्कि इससे समाज के निचले तबकों के विद्यार्थियों को भी बड़ी सहायता मिलेगी।
प्रदेश के सभी शिक्षा संस्थानों में इस आदेश को लागू करने के लिए स्कूल प्रबंधन और जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश और सहयोग प्रदान किया जा रहा है। सभी शिक्षण संस्थानों से यह अपेक्षा की गई है कि वे इस प्रक्रिया को बिना किसी परेशानी के संपन्न कराएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विद्यार्थी का नामांकन बिना जन्म प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड के अधूरा न रहे।
इस कदम से प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के लिए बेहतर और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल तैयार होगा और उनके शैक्षणिक एवं सामाजिक अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।