मनरेगा सोशल ऑडिट में अनियमितता का आरोप, खण्ड विकास अधिकारी परतावल पर गंभीर सवाल
गोरखपुर / महराजगंज, 13 अक्टूबर 2025।
गोरखपुर मंडल में मनरेगा योजना के सोशल ऑडिट कार्यक्रम के दौरान अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार तिवारी ने मंडलायुक्त गोरखपुर को पत्र भेजकर खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) परतावल, जनपद महराजगंज पर मनरेगा से जुड़ी गड़बड़ियों में संलिप्तता का आरोप लगाया है।
पत्र में कहा गया है कि आयुक्त ग्राम्य विकास, उत्तर प्रदेश लखनऊ के आदेश संख्या 3035/मनरेगा सेल/2020 दिनांक 24 दिसंबर 2021 तथा सोशल ऑडिट निदेशालय के पत्रांक 684/सा.ओ.नि.-3/563/2024 दिनांक 5 सितंबर 2024 के अनुसार परतावल ब्लॉक की दो ग्राम पंचायतों में 13 अक्टूबर 2025 को सोशल ऑडिट होना निर्धारित किया गया था। लेकिन खण्ड विकास अधिकारी परतावल ने इस कार्यक्रम को बदलते हुए 5 ग्राम पंचायतों के मनरेगा, राज्य वित्त और 15वें वित्त आयोग से संबंधित अभिलेखों का विवरण नए पत्रांक 905/स्था./मनरेगा/नि.-2024-25 दिनांक 10 अक्टूबर 2025 के माध्यम से जारी कर दिया।
प्रार्थी मनोज तिवारी ने कहा है कि इस तरह का परिवर्तन सोशल ऑडिट की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है और इससे भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने आयुक्त गोरखपुर मंडल से पूरे प्रकरण की स्थलीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
तिवारी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वह एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं और समय-समय पर भ्रष्टाचार के खिलाफ उच्च न्यायालय एवं लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिकाएं दाखिल करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास खण्ड परतावल में मनरेगा फंड के दुरुपयोग की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
मंडल स्तर पर यह शिकायत पहुंचने के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आयुक्त कार्यालय इस मामले में क्या कदम उठाता है। ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सोशल ऑडिट को अहम माना जाता है, ऐसे में इस प्रकरण ने विभागीय कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।