ताज़ा प्रशासनिक हलचल: लोकायुक्त की रिपोर्ट तलब होते ही महराजगंज प्रशासन में मची खलबली
रिपोर्ट: मनोज तिवारी, सिसवा-महराजगंज
दिनांक: 16 अक्टूबर 2025
महराजगंज जिले के सिसवा विकासखंड में इन दिनों प्रशासनिक गतिविधियां अचानक तेज़ हो गई हैं। दो वर्षों से लंबित मनरेगा कार्यों के स्थलीय सत्यापन को लेकर खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) द्वारा जारी आदेश के बाद विभागीय हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई लोकायुक्त द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद की जा रही है, जिसमें मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2022-23 के कार्यों की जांच तत्काल पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।


खण्ड विकास अधिकारी सिसवा-महराजगंज द्वारा पत्रांक 604/मनरेगा/सत्यापन/2025-26 दिनांक 15 अक्टूबर 2025 के माध्यम से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी नामित अधिकारियों को अपने-अपने ग्राम पंचायतों में जाकर 16 अक्टूबर की अपराह्न 2 बजे तक सत्यापन कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। रिपोर्ट में स्थल का फोटोग्राफ, दो स्थानीय गवाहों के हस्ताक्षर सहित प्रमाणपत्र और विस्तृत सत्यापन आख्या अनिवार्य रूप से संलग्न करने के निर्देश दिए गए हैं।


आदेश के दायरे में सिसवा ब्लॉक की लगभग 70 से अधिक ग्राम पंचायतें शामिल की गई हैं। इनमें प्रमुख रूप से अहिरौली, बदहरा, बघही, बौलिया बाबू, हरखपुरा, हरपुर पकरी, लक्ष्मीपुर एकडंगा, राजवाल मदारहा, फाटकदौना, होरिलापुर, शीतलापुर, विष्णुपुर भदेहर सहित अन्य पंचायतों का नाम है। इन ग्राम पंचायतों में पिछले दो वर्षों में मनरेगा से करोड़ों रुपये की परियोजनाओं पर कार्य किए गए थे।
स्थलीय सत्यापन के लिए कई अधिकारियों और तकनीकी सहायकों की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। इनमें बी.ओ. पी.आर.डी. राकेश पटेल, ए.डी.ओ. एजी धीरेन्द्र सिंह, ए.डी.ओ. आई.एस.बी. रामनवल वर्मा, ए.डी.ओ. पी. बलराम मौर्या, ए.डी.ओ. पी.पी. दिनानाथ पटेल, ए.पी.ओ. सौरभ चौधरी समेत तकनीकी सहायक शिवेन्द्र श्रीवास्तव, अशोक पांडेय, अजय जायसवाल, कवलजीत सिंह, पंकज द्विवेदी, सुरेश श्रीवास्तव आदि को ग्रामवार जिम्मेदारी सौंपी गई है।


सत्यापन के दौरान इन टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे न केवल कार्यों की भौतिक स्थिति का निरीक्षण करें, बल्कि संबंधित लाभार्थियों और स्थानीय ग्रामीणों से मौखिक जानकारी भी लें। विशेष रूप से वे कार्य प्राथमिकता में रखे गए हैं, जिन पर पूर्व में शिकायतें प्राप्त हुई थीं — जैसे कच्ची सड़क निर्माण, मिट्टी भराई, पुलिया निर्माण, नालों की सफाई और मजदूरी भुगतान से जुड़ी गड़बड़ियां।
खण्ड विकास अधिकारी ने कहा कि, “मनरेगा का उद्देश्य गांवों में रोजगार उपलब्ध कराना और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इस योजना में किसी भी स्तर पर धन के दुरुपयोग या कागज़ी कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी कार्य अपूर्ण या फर्जी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ विधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”


सूत्रों के मुताबिक, यह जांच आदेश उच्चाधिकारियों की समीक्षा बैठक के बाद जारी किया गया है। इसकी प्रतिलिपि उपायुक्त (श्रम एवं रोजगार) महराजगंज सहित जिला स्तर के अधिकारियों को भी भेजी गई है ताकि निगरानी सीधी जिला प्रशासन के स्तर से की जा सके।
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि कई ग्राम पंचायतों में पिछले वर्षों में मनरेगा कार्यों को लेकर शिकायतें दर्ज हुई थीं। कुछ स्थानों पर पुलिया निर्माण और मिट्टी कार्यों के नाम पर भुगतान तो हुआ, परंतु कार्य अधूरे रह गए। अब जब लोकायुक्त ने इन मामलों की रिपोर्ट तलब की है, तो प्रशासन ने फौरन जांच तेज़ कर दी है।
इस कार्रवाई के बाद ब्लॉक मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायतों तक अधिकारियों में हलचल बढ़ गई है। नामित अधिकारी अपनी टीमों के साथ गांवों में पहुंचकर कार्यस्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह जांच सिर्फ औपचारिकता नहीं है, बल्कि आगामी ऑडिट और लोकायुक्त जांच की तैयारी भी मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े इन मामलों में प्रशासन क्या ठोस कदम उठाता है, और क्या वास्तव में मनरेगा कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित हो पाएगी।
(रिपोर्ट: मनोज तिवारी, सिसवा-महराजगंज)