सदर विधायक से लेकर सरकारी कार्यालयों तक सफाईकर्मी संभाल रहे अफसरों के काम, गांवों की सफाई व्यवस्था बदहाल

अधिकारियों की सेटिंग से पे-रोल पर हो रहा खेल, ग्रामीण सेवाओं में बढ़ रही लापरवाही
निचलौल, महराजगंज – उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के निचलौल ब्लॉक में सफाईकर्मियों की मनमानी और अधिकारियों की मिलीभगत से स्वच्छता व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। शासन द्वारा हर ग्राम पंचायत में सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई थी ताकि गांवों में स्वच्छता बनी रहे, लेकिन कई सफाईकर्मी अपने तैनाती वाले गांवों में सेवा देने के बजाय सरकारी कार्यालयों में अटैच होकर अफसरों के निजी काम संभाल रहे हैं। इस स्थिति ने न सिर्फ सफाई व्यवस्था को पंगु बना दिया है, बल्कि ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी पैदा कर दिया है।
गांवों में सफाई के नाम पर शून्य काम, नालियों और कूड़े का ढेर
ग्राम पंचायतों में कूड़ा प्रबंधन और नालियों की सफाई पूरी तरह से ठप है। कई गांवों में नालियां जाम पड़ी हैं और महीनों से कूड़े का उठान नहीं हुआ है। सरकार द्वारा सफाईकर्मियों को वेतन तो समय से दिया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण स्तर पर इसकी झलक तक नहीं दिखती।
स्थानीय निवासी ने गुस्से में बताया, “हमारे गांव में महीनों से सफाई नहीं हुई। यहां किस सफाईकर्मी की ड्यूटी है, यह भी हमें नहीं पता। अधिकारी ध्यान नहीं देते और सफाईकर्मी केवल नाम के लिए वेतन उठा रहे हैं।”
कार्यालयों में अटैच सफाईकर्मी, सरकारी आदेश की खुली अवहेलना
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त आदेश जारी किया था कि सभी कर्मचारी अपने मूल कार्यों का निर्वहन करेंगे और उन्हें कार्यालयों में अटैच नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद निचलौल ब्लॉक में कई सफाईकर्मी सहायक विकास अधिकारी (ADO) के कार्यालय में काम कर रहे हैं और वर्षों से वहीं जमे हुए हैं।
सूत्र बताते हैं कि सफाईकर्मी केवल कार्यालयों में कागजी काम ही नहीं, बल्कि अफसरों की गाड़ियां चलाने और निजी कार्यों में भी लगे हैं। कुछ कर्मचारियों को अफसरों के रसोई के काम संभालते हुए भी देखा गया है। इसका खामियाजा उन गांवों को भुगतना पड़ रहा है जहां उनकी नियुक्ति हुई थी। इन अनियमितताओं के बावजूद उनके पे-रोल नियमित रूप से तैयार किए जा रहे हैं और वेतन भी समय पर मिल रहा है।
महराजगंज के सभी ब्लॉकों में फैली यही समस्या
यह समस्या निचलौल ब्लॉक तक ही सीमित नहीं है। महराजगंज जिले के कई अन्य ब्लॉकों में भी सफाईकर्मियों को अधिकारियों के निजी काम में लगाया गया है। कई कर्मचारी अफसरों के बैग उठाने, वाहन चलाने, और अन्य व्यक्तिगत सेवाओं में व्यस्त हैं, जिससे गांवों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) इस मुद्दे पर संज्ञान लेंगे या फिर इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मियों को तत्काल उनके गांवों में वापस भेजा जाए और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
न्यूज डेस्क का सवाल
क्या शासन ने कोई ऐसा आदेश जारी किया है जिससे सफाईकर्मी को सीधे कार्यालयों में अटैच किया जा सके?
यदि ऐसा कोई आदेश मौजूद है, तो इसे सार्वजनिक करना जरूरी है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
Pardafash News 24×7 की विशेष पड़ताल जल्द
Pardafash News 24×7 इस मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है और जल्द ही महराजगंज जिले के हर गांव की सफाई व्यवस्था की वास्तविकता उजागर करेगा। चैनल की टीम लाइव प्रसारण के माध्यम से हर अनियमितता को सामने लाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस गड़बड़ी पर कब और कैसे कार्रवाई करता है, या फिर मामला यूं ही नजरअंदाज कर दिया जाएगा।
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