ग्राम पंचायत हरैया रघुवीर के सफाई कर्मी अख्तर निलंबित

ग्राम पंचायत हरैया रघुवीर के सफाई कर्मी अख्तर निलंबित

अनुशासनहीनता, ड्यूटी में लापरवाही और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप

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महराजगंज, 01 फरवरी 2025। ग्राम पंचायत हरैया रघुवीर, विकास खंड लक्ष्मीपुर में तैनात सफाई कर्मी अख्तर को अनुशासनहीनता और ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) श्रेया मिश्रा ने उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबन का आदेश जारी किया।

निरीक्षण में गैरहाजिर पाए गए अख्तर

ग्राम पंचायत में सफाई व्यवस्था की स्थिति का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को अख्तर कार्यस्थल पर नहीं मिले। सहकर्मी उमेश प्रसाद ने बताया कि अख्तर अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही ढंग से नहीं कर रहे थे। इसके आधार पर उन्हें शासनादेशों का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए निलंबित किया गया।

निलंबन के दौरान मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता

अख्तर को निलंबन अवधि में सरकारी नियमों के तहत जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। यह राशि उनके अर्द्ध औसत वेतन के बराबर होगी और इसमें महंगाई भत्ता भी जोड़ा जाएगा। हालांकि, यह भुगतान तभी किया जाएगा जब वे प्रमाणित करेंगे कि वे किसी अन्य व्यवसाय या रोजगार में संलिप्त नहीं हैं।

सत्ता का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप

सूत्रों के अनुसार, अख्तर केवल सफाई कर्मी के रूप में कार्य नहीं कर रहे थे, बल्कि वे एडीपीआरओ (सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी) नित्यानंद के ड्राइवर के रूप में भी काम कर रहे थे। हैरानी की बात यह है कि नित्यानंद की पोस्टिंग सिद्धार्थनगर में थी, लेकिन अख्तर उनके लिए ड्राइविंग का काम कर रहे थे।

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो अख्तर ग्राम प्रधानों पर एडीपीआरओ का दबदबा दिखाकर बकरे का मीट और अन्य सुविधाएं मांगते थे। इस तरह के आरोप मामले को और गंभीर बना रहे हैं। यदि जांच में ये बातें सही पाई जाती हैं, तो यह मामला केवल अनुशासनहीनता का नहीं रहेगा, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का मामला भी जुड़ जाएगा।

जांच अधिकारी नियुक्त, आरोप पत्र की तैयारी

अख्तर को निलंबन के दौरान सहायक विकास अधिकारी निचलौल के कार्यालय से संबद्ध किया गया है। मामले की गहराई से जांच के लिए सहायक विकास अधिकारी निचलौल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही, खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे आरोप पत्र तैयार कर अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करें।

इस संबंध में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। अख्तर को उनके निलंबन से संबंधित दस्तावेज सौंपने और उनकी प्राप्ति सुनिश्चित करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

क्या प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई?

यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती दिखाता है। क्या यह कार्रवाई केवल निलंबन तक सीमित रहेगी, या फिर सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच होगी? इस पूरे मामले पर जिलेभर की नजरें टिकी हुई हैं।